Wednesday 5 October 2016

माँ

माँ वो तेरे आँचल का पलना मुझे झूला देना। .
माँ तेरे होटों  से वो लोरी मुझको ज़रा सुना देना। .. 

जब डोले मेरे कदम कहीं पे तेरा मुझे बचा लेना। .. 
तेरी  गोदी में सिर रख  फिर तेरा मुझे सुला देना। .. 

याद आता है वो हर पल जो तेरे साथ बिताया। .. 
याद आता है वो सब जो तूने  बचपन में सिखाया । ... 

काश  वो बीते पल कोई वापिस ला देना। ..
ताकि फिर से तू मुझे अपनी गोद में सुला दे माँ। .. 

ये बाहर  की दुनिया माँ मुझे समझ न आती है। .. 
बिन बात के दुनिया क्यों इतना  इतराती है। .....

पैसा गाड़ी बंगला ये तीन शब्द का ध्यान करे। .. 
रिशवत खोरी इतनी है ऐसे में क्या ज्ञान करे। ... 

रोज जलती है लाखों बेटिया दहेज़ की आग में। .... 
क्यों लिखे है इतने दुखड़े रब ने उसके भाग्य में। ..

वो बचपन की नादानियां कहीं छूट गयी है... 
वो नानी दादी की कहानियां कहीं छूट गयी है। .... 

फिर से मुझे तू चलना सीखा दे माँ। .. 
इस मतबली दुनिया से लड़ना सिख दे माँ। ..  

माँ वो तेरे आँचल का पलना मुझे झूला देना। .
माँ तेरे होटों  से वो लोरी मुझको ज़रा सुना देना। ..







  

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