Tuesday 18 October 2016

प्यार

प्यार ये तो बस एक एहसास है । .. 
इससे बना हर रिश्ता कुछ खास है। ... 

आँखों से बातें जब होने लगती है। .. 
रातों से नींदें जब खोने लगती है। .. 

लफ्ज़ो की ज़रूरत तो उनको  होती है । ... 
जिनके दिल में कुछ खोट होती है। ... 

इश्क़ तो एक बँदगी है। ... 
जिसके बिना वीरान ये जिंदगी है। .. 

इसमें मिले तो दर्द भी मीठे लगते है। .. 
ऐसा तो सब लोग कहते है। .. 

एहसास होता है बारिश की बूंदों में उसका। .. 
सीने में दिल धड़कता है जिसका। ..  

हसीन लगती है दुनिया सारी। .. 
जैसे चढ़ि हो कोई ख़ुमारी। .... 

एक नज़र में ही कोई अपना हो जाता है। .. 
कभी कभी तो बिन देखे भी प्यार हो जाता है। .... 

प्यार ये तो बस एक एहसास है । .. 
इससे बना हर रिश्ता कुछ खास है। ..

 


Thursday 6 October 2016

बचपन

पल वो बहुत याद आते है  जब देखती हूँ  गलियों में  बच्चो को खेलते हुए....
आँखों में आंसू आ जाते है  जब देखती हूँ उनको मिट्टी को मेलते हुए। ..

दादी की कहानियां याद आती है ,बचपन की शैतानिया याद आती है। ..
टीचर की वो डांट याद आती है,माँ का वो दुलार याद आता है। ..

अपना ही बुना हुआ सँसार याद आता है..
और बस फिर ये पागल मन बचपन की यादों  में खीचा चला जाता है। ..

ना कोई फिक्र थी ,न किसी बात की टेंशन। ..
बस पागलो की तरह हसने पर मिल जाती थी अटेंशन। ..

मिल जाते दिन अगर वो वापिस तो हम झूम जाते। ...
नानी के घर जाते जाकर खूब मिठाई कहते...

पापा  को घोड़ा बनाते ,छुक छुक गाड़ी चलाते। ...
टीवी पर बस कॉर्टून देख अपना मन बहलाते। ...

काश हमें वो दिन बचपन के वापस ही मिल जाते। ....
हँसते गाते मौज़ मनाते सब  मिलकर शोर मचाते ..


Wednesday 5 October 2016

माँ

माँ वो तेरे आँचल का पलना मुझे झूला देना। .
माँ तेरे होटों  से वो लोरी मुझको ज़रा सुना देना। .. 

जब डोले मेरे कदम कहीं पे तेरा मुझे बचा लेना। .. 
तेरी  गोदी में सिर रख  फिर तेरा मुझे सुला देना। .. 

याद आता है वो हर पल जो तेरे साथ बिताया। .. 
याद आता है वो सब जो तूने  बचपन में सिखाया । ... 

काश  वो बीते पल कोई वापिस ला देना। ..
ताकि फिर से तू मुझे अपनी गोद में सुला दे माँ। .. 

ये बाहर  की दुनिया माँ मुझे समझ न आती है। .. 
बिन बात के दुनिया क्यों इतना  इतराती है। .....

पैसा गाड़ी बंगला ये तीन शब्द का ध्यान करे। .. 
रिशवत खोरी इतनी है ऐसे में क्या ज्ञान करे। ... 

रोज जलती है लाखों बेटिया दहेज़ की आग में। .... 
क्यों लिखे है इतने दुखड़े रब ने उसके भाग्य में। ..

वो बचपन की नादानियां कहीं छूट गयी है... 
वो नानी दादी की कहानियां कहीं छूट गयी है। .... 

फिर से मुझे तू चलना सीखा दे माँ। .. 
इस मतबली दुनिया से लड़ना सिख दे माँ। ..  

माँ वो तेरे आँचल का पलना मुझे झूला देना। .
माँ तेरे होटों  से वो लोरी मुझको ज़रा सुना देना। ..







  

मेरी पहली कविता

वो पहली बार गिरकर सम्भालना याद है तुम्हे? . 
वो पहली बार रोकर हँसना याद है तुम्हे?.. 

वो  पहले शब्द जो निकले मुँह से याद है तुम्हे? .. 
वो पहली बारिश में उसका मिलना याद है तुम्हे? ..
 
याद रहते है वो पल जो हमने ख़ुशी और गम में बिताएंगे होंगे। .. 
याद रहते ह वो पल जिसमे दिल घबराएं होंगे। .... 

पर वो ख़ुशी जो पहली बार किसी के आने की  होती है। ... 
वो पहले प्यार की बारिश कुछ और ही होती है....
 
मिलता तो बहुत कुछ बाद में भी है । ....
पर पहली बार की बात कुछ और ही होती है। ... 

है मेरा भी कुछ ऐसा ही हाल। .. 
शायद ये पहला पोस्ट कर जाये कुछ क़माल । ... 

याद रहे आपको  सालों साल। ... 
क्या पता मेरी कवितायेँ  भी बन जाये मिसाल। .......